
अब जांच के लिए आए वाहन की फोटो सहित प्रदूषण चेक सेंटर की फोटो के साथ-साथ 4 से 5 सेकेंड का एक वीडियो भी बनाया जाएगा
समाचार दृष्टि ब्यूरो /नाहन
हिमाचल प्रदेश के परिवहन विभाग में वाहनों की प्रदूषण जांच के नियम अब बदल गए हैं। अब वेब कैमरा की जगह स्मार्ट फोन को पॉल्यूशन चेक मशीन से कनेक्ट किया जाएगा, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तव में वाहन प्रदूषण जांच के लिए केंद्र में लाया गया था यही नहीं। अब जांच के लिए आए वाहन की फोटो सहित प्रदूषण चेक सेंटर की फोटो के साथ-साथ 4 से 5 सेकेंड का एक वीडियो भी बनाया जाएगा।
बता दें कि हिमाचल परिवहन विभाग में प्रदूषण जांच केंद्र का वर्शन 2.0 हाल ही में अपडेट कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार मोबाइल कैमरा प्रदूषण जांच केंद्र के साथ जियो टैग्ड रहेगा। यदि वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के दायरे से बाहर खड़ा है, तो ऐसे वाहन की अब जांच नहीं हो पाएगी और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र भी जारी नहीं हो सकेगा.।
अब पूरे प्रदेश में ही इस वर्शन को अपग्रेड किया गया है। जहां तक जिला सिरमौर की बात करें तो यहां कुल 10 ऑनलाइन प्रदूषण जांच केंद्र पंजीकृत हैं। विभाग के अनुसार नवंबर 2024 से विभिन्न वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र जारी करने की फीस में भी वृद्धि की गई है।
इसके अनुसार पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी चालित दोपहिया वाहनों की फीस 100 रुपये (80+20 ग्रीन टैक्स), तिपहिया वाहनों की 120 रुपये (100+20 ग्रीन टैक्स), चौपहिया वाहनों की फीस 130 रुपये (100+30 ग्रीन टैक्स) और डीजल चालित वाहनों की फीस 150 रुपये (110+40 ग्रीन टैक्स) की गई है।
उधर, आरटीओ सिरमौर सोना चौहान ने बताया कि परिवहन विभाग हिमाचल प्रदेश में एनआईसी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण सॉफ्टवेयर का वर्शन 2.0 अपडेट कर दिया गया है। लिहाजा, अब इसी अपडेटेड वर्शन के माध्यम से ही वाहनों की प्रदूषण जांच की जाएगी।




