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सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण 44.56 करोड़ का नुकसान – सुमित खिमटा

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सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण 44.56 करोड़ का नुकसान
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प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान तथा राहत एवं पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु ने की समीक्षा

सड़क, पेयजल, बिजली आदि सभी जरूरी सेवाओं को कार्यशील बनायें विभाग

समाचार दृष्टि ब्यूरो /नाहन

मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु ने आज सोमवार को प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान तथा राहत एवं पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से समीक्षा की। उपायुक्त सुमिटा खिमटा ने बैठक में मुख्यमंत्री को सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी प्रदान की।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के उपरांत उपायुक्त सिरमौर खिमटा ने बताया कि सिरमौर जिला में भारी वर्षा के कारण सड़क, पेयजल योजनाओ, बिजली आपूर्ति और अन्य जनसेवाओं को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि आरम्भिक तौर पर प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सिरमौर जिला में 7 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक करीब 44.56 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण यह नुकसान कई गुना बढ़ सकता है।

उन्होंने बताया कि भारी वर्षा के कारण जिला में अभी तक केवल एक व्यक्ति की मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई है। इस व्यक्ति की मृत्यु धौलाकुुंआ के समीप खडड मंे बहकर होने से हुई है।
सुमित खिमटा ने बताया कि भारी वर्षा के कारण जल शक्ति विभाग को करीब 22 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग को 86 लाख़ रुपये, बिजली विभाग को 2.20 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग को 17 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय उच्च मार्ग को 2 करोड़ रुपये तथा राजस्व विभाग को 50 लाख रुपये का नुकसान आंका गया है।

उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को जिला की सभी पेयजल योजनाओं को सुचारू एवं कार्यशील बनाये रखने के लिए कहा है। उन्होंने भारी बारिश के कारण बाधित जिला की 115 पेयजल योजनाओं को शीघ्र ही बहाल करने के लिए जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए हैं।

उन्होंने लोेक निर्माण विभाग को जिला की विभिन्न मुख्य सड़कों के अलावा ग्रामीण मार्गों को भी कार्यशील बनाये रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जिला में पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर कच्ची ढांग के समीप भारी बारिश के कारण भू-स्खलन और सड़क धंसने के कारण बाधित है जिसमें वाया मालग-छछेती यातायात बहाल करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी प्रकार सोलन-मिनस सड़क जो कि भू-स्खलन के कारण चाड़ना के पास बाधित है को भी खोलने के प्रयास जारी हैं।

उपायुक्त ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक दो दिनों में और भारी बारिश की संभावनायें व्यक्त की गई हैं इसलिए जनता से अनावश्यक यात्रा से बचने तथा खड़डो तथा नदी नालों के समीप न जाने का आग्रह किया गया है।

सुमित खिमटा ने कहा कि भारी वर्षा के कारण बाढ़ और भू-स्खलन के दृष्टिगत जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण मिलकर अत्यंत गंभीरता से कार्य कर रहे हैं और सूचना मिलते ही बचाव और पुनर्वास कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने जनसेवाओं से जुड़े सभी प्रमुख विभागों को अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित नुकसान की रिपोर्ट शीघ प्रस्तुत करने के लिए कहा है। उन्होंने कृषि, उद्यान तथा पशुपालन विभाग को बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेकर नुकसान का आकलन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

उपायुक्त ने जिला में जनसेवाओं और जन सुविधाओं को कार्यशील बनाये रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपदा और दुर्घटना के समय प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाई जा सके।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रमण कुमार मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त मनेश कुमार यादव, जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण अरविंद शर्मा, अधीक्षण अभियंता विद्युत बोर्ड दर्शन सिंह, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्तल, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण वी.के. अग्रवाल, अधीशासी अभियंता सिंचाई एवं स्वास्थ्य अशीष राणा व अन्य विभाग के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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