



कलोह स्तिथ एतिहासिक राधा कृष्ण मंदिर का इतिहास दो सौ वर्ष से भी अधिक पुराना
समाचार दृष्टि ब्यूरो/सराहाँ
उपमंडल पच्छाद की ग्राम पंचायत बनी बखोली के कलोह में स्थित एतिहासिक राधा कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूम्रधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हवन यज्ञ व भंडारे के साथ साथ मेले का भी आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय ग्रामीणो के साथ साथ पड़ोसी राज्य हरियाणा से भी लोगो ने शिरकत की।
इस अवसर पर मेले में आये लोंगो ने भंडारे में प्रशाद ग्रहण करने के साथ साथ मेले में बन रही गर्मागर्म जलेबी का भी लुत्फ उठाया।
गौर हो की यहां पर स्थित राधा कृष्ण का मंदिर दो सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है तथा यही पर बाबा दूधाधारी का भी प्राचीन मंदिर स्थित है। यहाँ हर वर्ष यह मेला कृष्ण जनमाष्टमी को लगता जिसमे स्थानीय लोंगो के साथ साथ पडोसी राज्य हरियाणा के साथ लगते क्षेत्र वासी भी बहुतायत मात्र में आते हैं।
बता दें की यह मेला कभी इस पुरे क्षेत्र का प्रसिद्द मेला हुआ करता था जहाँ सैंकड़ों लोग दोनों राज्यों की सीमा क्षेत्र से आया करते थे। लेकिन वक्त के साथ साथ यह मेला सिकुड़ता गया और अब मात्र ओपचारिकता रूप ही इस मेले का आयोजन केवल परम्परा निभाने मात्र रहा गया है। ऊँची पहाड़ी पर स्तिथ यहाँ राधा कृष्ण मंदिर एक रमणीक स्थल है जहाँ आकर हर किसी को शांति और सुकून मिलता है। यदि इस रमणीक स्थल की और सरकार का ध्यान जाये तो यहाँ पर्यटन की अपार सम्भावनाये हैं।
इसी के साथ पच्छाद के इसी क्षेत्र के ठाकुर द्वारा में स्थित राधा कृष्ण मंदिर से एक शोभा यात्रा सराहां के राम मंदिर तक निकाली गई। करीब 18 किलोमीटर तक चलने वाली इस शोभायात्रा में इलाके के सेंकडो श्रद्धालुओं ने भाग लिया।