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बोले पहले क्यों नहीं किया इस्तीफा मंजूर, प्रदेश पर नही पड़ता बार बार उपचुनावों का बोझ
समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सत्ती ने कांग्रेस सरकार और उनके नेताओं को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा की अगर कांग्रेस के नेताओ की नीयत साफ होती और सरकार में दम होता तो समय रहते 3 निर्दलियों विधायकों का इस्तीफा मंजूर करते।
इसके विपरीत कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक षड्यंत्र के अंतर्गत इस्तीफे तो लटकने का काम किया और ठीक लोक सभा चुनाव खत्म होने से पूर्व निर्दलियों का इस्तीफा मंजूर किया। ऐसा प्रतीत होता है की विधानसभा के अध्यक्ष सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे है।
उन्होंने कहा की अगर पहले ही तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया होता तो आज सरकार के ऊपर चुनावी आर्थिक बोझ ना पड़ता। अब कांग्रेस के नेता जो मर्जी बयानबाजी कर ले पर सच्चाई तो यह है कि चुनाव अगले महीने है और चुनाव का खर्चा सरकार के ऊपर पढ़ना तय है।
कांग्रेस चुनावी पिच पर वीक विकेट पर है, लोक सभा चुनावों में 61 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हारने के बाद सरकार बैक फुट पर है। यह सरकार के मुखिया और उनके सहयोगियों को भी पता है।
सत्ती ने कहा की अगर कांग्रेस पार्टी ने नेता लोक सभा में भाजपा की चुनावी लीड देख लेंगे तो उनको पता चल जाएगा की उपचुनावों में जीत किसको मिलेंगी। हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई है।
भाजपा ने चारों लोकसभा सीटें अपने खाते में डाली हैं। हॉट सीट मंडी से कंगना रणौत, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और शिमला में सुरेश कश्यप ने जीत हासिल की है। साल 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी।