राज्य में हवाई सेवा को सुदृढ़ करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी ज़िला मुख्यालयों और जनजातीय क्षेत्रों में 16 हेलीपोर्ट का किया जा रहा है निर्माण
समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर सायं यहां एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में प्रति वर्ष पांच करोड़ पर्यटकों के आवागमन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हवाई सेवा की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। राज्य में हवाई सेवा को सुदृढ़ करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी ज़िला मुख्यालयों और जनजातीय क्षेत्रों में 16 हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में जिला हमीरपुर के जसकोट, जिला कांगड़ा के रक्कड़ और पालमपुर, जिला चंबा के सुल्तानपुर, जिला कुल्लू के मनाली, जिला लाहौल-स्पीति के जिस्पा, सिस्सू और रंगरीक तथा जिला किन्नौर के शारबो में नौ हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर, रक्कड़, पालमपुर और जसकोट में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, जबकि अन्य हेलीपोर्ट के लिए प्रक्रिया चल रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दूसरे चरण में शेष 7 हेलीपोर्ट स्थापित किए जाएंगे। यह हेलीपोर्ट जिला चंबा के पांगी और होली, जिला बिलासपुर के औहर, जिला सिरमौर के धारकियारी, जिला शिमला के चांशल पास, जिला ऊना के जनकौर हार और जिला के जिला सोलन के गनालग में निर्मित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रक्कड़ हेलीपोर्ट की स्थापना के लिए एफसीए स्वीकृति प्राप्त हो गई है और जसकोट, मनाली, जिस्पा, सिस्सू, रंगरिक, पांगी और होली सहित 6 हेलीपोर्ट के एफसीए मामले पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बेहतर हवाई सेवा राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। बेहतर हवाई सेवा की सुविधा से पर्यटक कम समय में गंतव्यों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। पर्यटन स्थलों में आसान पहुंच से देश-विदेश के अधिक पर्यटक इन स्थानों में घूमने आएंगे जिससे स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख अंग है। यह क्षेत्र स्थानीय युवाओं को रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर भी प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण और पर्यटकों के लिए सुविधाओं में सुधार पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत आगामी समय में कई नई परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी और राज्य सरकार पर्यटकों की यात्राओं को अधिक मनोरंजक, सुलभ एवं अविस्मरणीय बनाने के लिए क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये व्यय करेगी। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार भी किया जा रहा है।
बैठक के दौरान एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।