



आशीष कुमार सीटू जिला महासचिव सिरमौर व् किरण भंडारी महासचिव आंगनवाड़ी वर्करज हेल्परज यूनियन पच्छाद के नेतृत्त्व में तहसीलदार पच्छाद के माध्यम से मुख्यमंत्री को सोंपा ज्ञापन
समाचार दृष्टि ब्यूरो/सराहाँ
आंगनवाड़ी वर्करज हेल्परज यूनियन पच्छाद ने आंगनवाड़ी वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग उठाई और प्री प्राइमरी टीचर की भर्ती में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में से ही भर्ती करने की मांग की है। जिसके लिए आज तहसीलदार पच्छाद के माध्यम से मुख्यमंत्री को यूनियन ज्ञापन सोंपा1
इससे पूर्व आशीष कुमार सीटू जिला महासचिव सिरमौर, किरण भंडारी महासचिव आंगनवाड़ी वर्करज हेल्परज यूनियन पच्छाद के नेतृत्त्व में सराहाँ बाजार में रैली भी निकली1 किरण भंडारी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें लम्बे समय से आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ की मांगों के प्रति संवेदनहीन रवैया अपनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। वहीँ 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है। आंगनवाड़ी वर्करज हेल्परज यूनियन पच्छाद ने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों के प्रति सरकार सहानूभूतिपूर्वक विचार करके इन्हें पूर्ण करने की सकारात्मक पहल कदमी करें।
उन्होंने कहा कि बाल विकास परियोजना को चले हुए 40 वर्ष से ज़्यादा का समय हो गया है लेकिन सरकार हमें अभी तक भी स्वयंसेवी के पदनाम से जानती है और हमें अभी तक मज़दूर व कर्मचारी का भी दर्जा तक नहीं दिया गया है। इनका कहना है कि उन्हें किसी प्रकार का रिटायरमेंट लाभ नहीं दिया जाता है और न ही पेंशन दी जाती है। यूनियन का कहना है कि सरकार ने हमें प्री प्राईमरी भर्ती से बाहर करने का निर्णय लिया है जिसका यूनियन कड़ा विरोध कर रही है।
यूनियन पदाधिकारियों ने बताया की प्री प्राइमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के फ़ैसले को प्रदेश सरकार का आंगनबाड़ी व आईसीडीएस विरोधी फ़ैसला है। यूनियन ने आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राईमरी स्कूल का दर्जा देने, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के अनुसार ग्रेचुअटि देने, स्नातक स्तर की वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाईजर भर्ती करने, पोषण ट्रैक की प्रोत्साहन राशि सभी वर्करों को देने, डी बी टी योजना पर रोक लगाने, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतनमान देने, सरकारी कर्मचारी घोषित करने, पेंशन सुविधा देने और मिनी केंद्रों को पूर्ण केंद्रों के बराबर सुविधाएं देने की भी मांग की है।
यूनियन ने सरकार से अपना फैसला तुरन्त बदलने की मांग की है और आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि ये प्रशिक्षित कर्मी हैं और ये कर्मी पहले से ही अर्ली चाइल्डहुड केअर एंड एजुकेशन(ईसीसीई) के तहत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इसलिये नई शिक्षा नीति के तहत इन्हीं प्रशिक्षित कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति दी जाए।
उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति की बात करती रही है व अब अपनी ही बात से मुकर गयी है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को 30 प्रतिशत कोटा देने की बात की थी जिस से भी अब सरकार मुकर गई है। उन्होंने सरकार के इस कदम को आंगनबाड़ी कर्मी विरोधी करार दिया है।
इस अवसर पर शयमा शर्मा, वंदना पंवार उपाध्यक्ष शीला कोषाध्यक्ष, ममता ,सुनीता, अनुराधा कौशल्या, बिमला, आरती, चन्द्रकान्ता, गीता , कमलेश, किरण शर्मा आदि दर्जनों आनगांवड़ी वर्करज व् हेल्परज मोजूद रही1