



वैलुअर फेबटेक्स ने ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल जा रहे रेगुलर बच्चों की तर्ज़ पर उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर उनका सर्वांगीण विकास कर आत्मनिर्भर बनाया
समाचार दृष्टि ब्यूरो /नाहन
वर्तमान में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल में किन्हीं कारण वश स्कूल छोड़ चुके चौदह से लेकर अठारह साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून के तहत valeur fabtex Pvt Ltd कंपनी ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों बिलासपुर, मंडी, कुल्लू ,चम्बा, ऊना, शिमला, सोलन, और सिरमौर में ब्लॉक स्तर पर पचास स्किल सेंटरों के माध्यम से अलग-अलग ट्रेड ब्यूटी एंड वेलनेस, सिलाई, व्हीकल बॉडी रिपेयर, प्लम्बर, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटीइएस में लगभग पंद्रह सौ बच्चों को प्रशिक्षण दिया। ताकि ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल जा रहे रेगुलर बच्चों की तर्ज़ पर उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर उनका सर्वांगीण विकास कर आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
प्रदेश में वैलुअर फेबटेक्स कंपनी के सिरमौर के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर संजीव कुमार ने बताया की प्रशिक्षण के दौरान थ्योरी प्रैक्टिकल, गेस्ट लेक्चर, इंडस्ट्रियल भ्रमण के साथ-साथ स्वालंबन क्षमता निर्माण-नेतृत्व की भावना और जीवन कौशल पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिससे की बच्चों का बौद्धिक विकास हो सके।
संजीव ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई गई योजना के अंदर बच्चों को सही तरीके से गाइड भी किया गया । यही नहीं उनको उनके स्कूल से छोड़ चुके पढ़ाई के बारे में बताया गया फिर बच्चों को जिसके बाद यह भी पता चला की शिक्षा उनके लिए कितनी जरूरी हैं। बच्चों की इच्छानुसार उनका जॉब प्लेसमैंट में भी सहयोग किया। ताकि बच्चे स्वभिमानी जीवन जी सके। उन्होंने बताया की बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। प्रतिभावान बच्चे नवाचार में चेंजमेकर है। यदि उन्हें सही पथ-प्रदर्शक, दिशा निर्देश, मार्गदर्शन और संसाधन उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध हों।
वहीँ वैलेउर फैब्टेक्स के स्टेट हेड प्रशांत शुक्ला ने इस तरह के प्रोग्राम चलाने के लिए भारत सरकार व हिमाचल प्रदेश सरकार तथा समग्र शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश का धन्यवाद किया ।