



एचपीपीएससी द्वारा आयोजित पॉलिटिकल साइंस में सहायक प्रोफेसर की परीक्षा उत्तीर्ण कर अब परिवार का सहारा बनेगी पूनम शर्मा
समाचार दृष्टि ब्यूरो /संगडाह
दृढ निश्चय और कुछ पाने कि जिद्द इन्सान को वो सबकुछ दिला देती है जिसे वहा पाना चाहता है। ऐसी ही बात को साबित किया संगड़ह उपमंडल के सांगना सताहन पंचायत की पूनम शर्मा ने, जिसमे उसने अपनी कड़ी मेहनत व् लगन से पहले ही प्रयास में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पॉलिटिकल साइंस में सहायक प्रोफेसर की परीक्षा उत्तीर्ण की।
बता दें कि पूनम शर्मा ने यह सफलता बड़ी कठिन परिस्तिथियों में पाई है। पूनम उस समय छठी कक्षा की छात्रा थी, जब सिर से पिता का साया उठ गया था। कठिन परिस्थितियों में भी पूनम शर्मा ने अपना हौसला नहीं डगमगाने दिया तथा दिन रात मेहनत कर पहले ही प्रयास में सहायक प्रोफेसर बन गई।
आठ बहन-भाइयों में सबसे बड़ी पूनम शर्मा के परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। घर में 5 बुजुर्गों व मां के अलावा पूनम शर्मा के 7 छोटे बहन-भाई भी है। संगड़ाह उपमंडल के सांगना सताहन पंचायत से ताल्लुक रखने वाली पूनम ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्मी बेटी ने प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हासिल की। इसके बाद संगड़ाह डिग्री कॉलेज से स्नातक की शिक्षा हासिल की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद सेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर की।
इस सफलता का श्रेय पूनम ने हिमाचल प्रदेश के सबसे युवा डीएसपी होने का गौरव हासिल करने वाले एचपीएस अधिकारी अनिल शर्मा के अलावा मोहन शर्मा को दिया है। पूनम का कहना है कि चाचा रामलाल शर्मा ने भी हमेशा हिम्मत बढ़ाई तथा साथ ही हौसला दिया। बातचीत के दौरान पूनम ने माना कि सबसे बड़ी होने के नाते बुजुर्गों की जिम्मेदारी भी है। पूनम ने बताया कि परिवार का गुजर-बसर खेतीबाड़ी से ही चलता है। परिवार में उससे पहले कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है।