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ममता बनर्जी ने देशद्रोही ताकतों को ताकत देने का किया है काम – नड्डा

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नड्डा ने विपक्षी दलों पर बोला हल्ला,

कहा  इन विपक्षी दलों के हाथी के दांत  जो दिखाने के अलग और खाने के अलग 

समाचार दृष्टि  ब्यूरो/बिलासपुर/शिमला,

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के द्वारा एक रिपोर्ट हमारे समक्ष आई है, उसमे एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय का खुलासा किया है। पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और पंजाब में हमारे ओबीसी भाइयों के लिए दिए गए संवैधानिक अधिकार रिजर्वेशन का खुलेआम हनन कर रही है और ओबीसी को उनके जायज अधिकारो से वंचित रखा जा रहा है यह बात भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही।

बंगाल, बिहार, राजस्थान और पंजाब में जो विपक्षी दल बहुत ज्यादा पिछड़े वर्ग के हतैशी बनते और जातिगत जनगणना के पक्षधर बनते है वही लोग ओबीसी के हितों का खुलेआम हनन कर रहे हैं। ओबीसी के कोटा में जो आरक्षण मिल रहा है उसमें इन सभी प्रदेशों ने सेंध लगा का काम किया है।

नड्डा ने तंज कसते हुए कहा की इन विपक्षी दलों के हाथी के दांत है जो दिखाने के अलग और खाने के अलग होते है। यह पूर्ण रूप से एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है।

बंगाल में ओबीसी के कोटे और उनके आरक्षण को ममता सरकार खुलेआम मुस्लिम तुष्टिकरण के भेंट चढ़ाया रही है और पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके जायज हक से वंचित रख रही है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि बंगाल में 91.5% आरक्षण का लाभ मुस्लिम ओबीसी के लोगों को दिया गया है और अन्य लोगो को उनका हक अभी तक नही दिया है।
बंगाल में कुछ ओबीसी की 179 जातियों को आयोग द्वारा दर्ज किया गया है और इसमें से 118 मुस्लिम समुदाय की जातियों को शामिल कर दिया गया है।

इस तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहांगिया को प्रमाण पत्र देकर जातिगत आरक्षण का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। यह घुसपैठियों को सीधा सीधा लाभ देने का गंभीर षड्यंत्र है।

अगर हम 2011 की बात करे तो बंगाल में इससे पहले ओबीसी की 108 जातियां शामिल थी जिसमें से 53 मुस्लिम और 55 हिंदुओ जातियां थी। 71 नई जातियों को इस सूची में जोड़ा गया इसमें 65 मुस्लिम और केवल 6 हिंदू जातियां थी।

बंगाल की जनसंख्या में 70.5% हिंदू है और 27% मुस्लिम। पर मुस्लिमो को ओबीसी आरक्षण के अंतर्गत 91.5% का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने देशद्रोही ताकतों को ताकत देने का काम किया है यह दुर्भाग्यपूर्ण है और अति निंदनीय है।

इसी प्रकार के आरक्षण की स्थिति राजस्थान पंजाब और बिहार में है। बिहार में ओबीसी के भाइयों को प्रमाण पत्र तक नहीं दिए जा रहे हैं, ओबीसी भाइयों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात हो रहा है और उनका अधिकारों का गला घोटा जा रहा है। पंजाब में 25% ओबीसी का आरक्षण है और लाभ केवल 12% ओबीसी लोगों को मिल रहा है। 13% लोग अपने अधिकारों से वंचित है और आज भी इंतजार कर रहे हैं। राजस्थान में 7 जिले ट्राइबल घोषित किए गए हैं और इन्हीं जिलों के लोगों को ओबीसी के फायदों से वंचित रखा जा रहा है।

बंगाल में ममता और देश में यह विपक्षी दल बोलते कुछ है और करते कुछ है। उन्होंने कहा ओबीसी आयोग को इन सभी तथ्यों की उचित जांच करनी चाहिए जिससेअन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को न्याय मिल सके।

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