



एनडीपीएस के अंतर्गत नशे की तस्करी करने वालों के लिये कड़ी सजा का प्रावधान
नशीले पदार्थों के तस्कर या उपयोगकर्ता की जानकारी व्हाटसएप नम्बर 9317082032 पर तुरंत दे पुलिस को
समाचार दृष्टि ब्यूरो/नाहन
नशा एक सामाजिक बुराई है जो तेजी के साथ युवाओं को अपनी गिरफत में जकड़ रहा है। युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृति एक गंभीर समस्या के साथ-साथ अभिभावकों के लिये भी बड़ी चुनौति उभरकर सामने आ रही है। यह बात उपायुक्त सुमित खिमटा ने वीरवार को उनके कार्यालय सभागार में नार्कोटिक्स क्वार्डिनेशन सेंटर (नकोर्ड) समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा हालांकि एनडीपीएस के अंतर्गत नशे की तस्करी करने वालों के लिये कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन ऐसे असमाजिक तत्वों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिये जन-जन के सहयोग की जरूरत है। समाज का यदि प्रत्येक व्यक्ति सहयोग करें तो नशे को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
सुमित खिमटा ने कहा कि विभिन्न विभागों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा समाज के नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन सार्थक परिणाम अभी अपेक्षित हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर अध्यापकों तथा बच्चों के अभिभावकों को ऐसे बच्चों की जानकारी अवश्य होती है जो कहीं न कहीं नशीले पदार्थों का प्रयोग कर रहे हैं। यह चिंता की बात है कि नशे के तस्करों तथा उपयोगकर्ताओं की जानकारी लोग पुलिस को सांझा करने में अभी भी झिझकते हैं और यही कारण है कि ऐसे असामाजिक तत्वों को बल मिलता है। उन्होंने स्कूली स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिये उपनिदेशक को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जमा दो स्कूलों में अध्यापकों को प्रत्येक बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखने की जरूरत है और यदि कोई युवा नशे का प्रयोग कर रहा है तो तुरंत से उसकी सूचना पुलिस को दें ताकि नशा बेचने वालों पर नकेल कसी जा सके।
सुमित खिमटा ने कहा कि उपमण्डल स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में समितियों के गठन की जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी जो नशीले पदार्थों की लगातार निगरानी करेंगी। उन्होंने कहा कि पुलिस को दो वाहन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि नशीले पदार्थों के विक्रेताओं और उपयोगकर्ताओं को पकड़ने में मदद मिले। उन्होंने पुलिस तथा वन विभागों को सीसीटीवी कैमरों तथा ड्रोन की मदद से नशीले पदार्थों की खेती तथा तस्करी की निगरानी करने की भी बात कही। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला में निजी क्षेत्र में पांच नशा पुनर्वास केन्द्र कार्य कर रहे हैं। उन्होेंने पुलिस तथा संबद्ध विभागों को इन केन्द्रों में जाकर युवाओं की काउंसलिंग करने को कहा।
उपायुक्त के सहायक आयुक्त विवेक शर्मा सहित पुलिस, वन, शिक्षा व अन्य विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।