



बाल विकास परियोजना पच्छाद द्वारा आयोजित इस शिविर में उपस्थित महिलायों को लोहे की कढ़ाई में तरह तरह के व्यंजन बनाने के फलस्वरूप उससे मिलने वाले आयरन के महत्व के बारे मे लाइव डेमो के माध्यम से दी गई विस्तृत जानकारी
समाचार दृष्टि ब्यूरो/सराहां
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही “मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना” के तहत बाल विकास परियोजना पर्यवेक्षक वृत सराहां के आंगनवाड़ी केंद्र सराहां बाजार में बाल विकास परियोजना अधिकारी पच्छाद दीपक चौहान की अध्यक्षता में लोहे की कढ़ाई अभियान पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में उपस्थित महिलायों को लोहे की कढ़ाई में तरह तरह के व्यंजन बनाने के फलस्वरूप उससे मिलने वाले आयरन के महत्व के बारे मे विस्तृत जानकारी लाइव डेमो के माध्यम से दी गयी।
इस शिविर का शुभारम्भ लोहे कि कढाई से निर्मित आलू का हलवा बनाकर उपस्थित सभी महिलाओं एवं बच्चों को खिलाया गया तथा मौसमी सब्जियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। बाल विकास परियोजना अधिकारी पच्छाद दीपक चौहान ने बताया कि यह लोहे की कढ़ाई अभियान 21 सितम्बर 2022 से चला हुआ है जो कि 5 अक्तूबर 2022 तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इसमें सराहां वृत्त की पर्यवेक्षिका मीरा ठाकुर द्वारा महिलाओं को लोहे की कढ़ाई अभियान के अंतर्गत सर्वप्रथम जानकारी दी गई कि आलू में पोटैशियम फास्फोरस, जिंक आयरन आदि पाया जाता है जिसके खाने से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। उन्होंने महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि हमारे रसोई घर मे पहले समय मे लोहे के बर्तन जैसे हमाम जिस्ता ‘लोहे की कढ़ाई आदि का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन आज के समय मे इसका इस्तेमाल करना बंद हो गया है जिससे आज अधिकतर खासकर महिलाओं में अनीमिया की कमी सामने आ रही है।
शिविर में महिलाओं को सिलबट्टा के उपयोग बारे विस्तार से बताया कि उसके उपयोग से जहाँ महिलाओं को व्यायाम भी मिलता था वही इससे पिसा हुआ मसाला भी पोष्टिकता से भरपूर मिलता था। आज हमारे द्वारा मसाले भी मिक्सी में पिसे जा रहे है व सब्जियां एलमोनीयम के बर्तनों में बनाई जा रही है। जिसके उपयोग करने से हमे कोई सकारात्मक लाभ नही मिल रहे है नतीजन हमारे शरीर मे आयरन की कमी के साथ साथ कई तरह कि बीमारियाँ पाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि यदि हम लोहे की कढ़ाई में सब्जियों को बनाते है तो इसमें मौजूद लोह तत्व सब्जियों में पकते समय आसानी से शामिल हो जाते है जिसके खाने से हमे आयरन की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हमें हरी सब्जियां जैसे कि चलाई के पत्ते, बिन्स, मूली के पत्ते, सरसो का साग, अरबी के पत्ते के तैयार ग़ीचे आदि का सेवन करना चाहिए इससे हमें आयरन प्राकृतिक रूप से प्राप्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि साग व सब्जियों को काटने से पहले अच्छी तरह से धो लें ताकि उसमे उपलब्ध रसायन निकल जाएं और कढाई में सब्जियों को ढक कर धीमी आंच पर पकाएं। इससे ना केवल सब्जियां स्वादिष्ट बनेगी बल्कि इसमे पोष्टिक तत्व भी भरपूर मात्रा में मोजूद रहेंगे।
सीडीपीओ दीपक चौहान ने उपस्थित महिलाओं से आग्रह किया कि वे इस कढ़ाई अभियान को जन जन तक पहुंचाए ताकि सब लोग लोहे की कढ़ाई का निरंतर इस्तेमाल कर लाभान्वित हो सके।