



बिजली बोर्ड के 32 कार्यालय जिसमे 12 डिविजन और 3 सर्किल भी बन्द करना निंदनीय,
कहा कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए गए उस निर्णय की भी निंदा भाजपा करती है जिसमें उन्होंने 22 अप्रैल 2022 से बाद के सभी कार्यालयों को बंद करने की बात की गई
समाचार दृष्टि ब्यूरो/ शिमला
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि जिस प्रकार से सुखू सरकार ने बिजली बोर्ड के 32 कार्यालय बंद किए हैं, उससे साफ होता है कि वर्तमान सरकार केवल बदला बदली के भाव से काम कर रही है और उनको हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए गए उस निर्णय की भी निंदा करती है जिसमें 22 अप्रैल, 2022 से बाद के सभी कार्यालयों को बंद करने की बात की गई है अगर गौर से देखा जाए तो उसके अंतर्गत लगभग 150 कार्यालय बंद हो जाएंगे। इससे साफ है कि कांग्रेस पूर्व सरकार में हुए अथाह विकास को पचा नहीं पा रही है। भाजपा, हिमाचल सरकार के इस निर्णय की निंदा करती है।
कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस जनविरोधी निर्णय से शिलाई, पांवटा साहिब, पच्छाद, रोहरू, सोलन, रेणुका जी, शिमला ग्रामीण, सुजानपुर, सिराज, सुलह, चुराह, रामपुर, घुमारवीं व झंडुत्ता विधानसभा की आम जनता प्रभावित होगी। भाजपा कार्यकर्ता इन सभी स्थानों पर रोष प्रदर्शन कर एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देंगे।
उन्होंने पूछा कि अगर जनहित में कार्य हुए हैं तो उनको बंद क्यों किया जा रहा है और अगर बंद किया जा रहा है तो उसके बारे में पूर्ण विश्लेषण देकर जनता और लोगों को इस सरकार को बताना चाहिए कि इस कार्यालय को बंद करके सरकार को क्या फायदा हुआ है और जनता को क्या नुकसान।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने तय किया है कि जिस जिस डिवीजन और सब डिवीजन में इन 32 कार्यालय को बंद किया गया है उन सभी मंडलों में एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा किए बंद किए गए बिजली बोर्ड के कार्यालयों का ब्यौरा भी दिया जाएगा।