घरद्वार स्कुल होने के बावजूद भी इस स्कुल में प्रधानाचार्य समेत आठ पद खाली होने के कारण क्षेत्र के छात्र छात्राओ को शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ रहा दुसरे स्कुल
डॉ परमार के पोते आनंद परमार हैं वर्त्तमान सरकार में जिला सिरमौर के जिलाध्यक्ष, बावजूद इसके अभी तक इतने पद खाली होना आश्चर्यजनक
समाचार दृष्टि ब्यूरो/सराहां
हिमाचल निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार की जन्मस्थली स्तिथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बसाहां में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता समेत अध्यापकों के आठ पद खाली पड़े हुए है। इस स्कुल में आधा दर्जन से भी ज्यादा पद खाली होने के कारण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बच्चों को पढाई बाधित हो रही है साथ ही अभिभावकों की भी चिंता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर हो रही है।
आपको बता दें कि इस स्कूल में प्रधानाचार्य, केमेस्ट्री,फिजिक्स, गणित, हिंदी , पीईटी व आई टी के प्रवक्ता वा अध्यापक न होने के कारण इस स्कूल में क्षेत्र के बच्चे प्रवेश नहीं पा रहे है। घरद्वार स्कुल होने के बावजूद भी इस स्कुल में प्रवक्ताओं के पद खाली होने के कारण क्षेत्र के छात्र छात्राओ को दर्जनों किलोमीटर की दूरी तय करके दूसरे स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
गौर हो कि हिमाचल निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार ने भी इसी स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा शुरू की थी। परंतु इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे की जिस परमार ने इस प्रदेश का निर्माण किया आज उन्ही परमार का यह स्कुल स्टाफ के लिए तरस रहा है। हालाँकि यह भी सच्चाई है की प्रदेश में दोनों ही राजनितिक दल चुनाव आने पर डॉ परमार का सहारा लेकर जीतते आ रहे हैं लेकिन चुनाव ख़त्म होते ही ये दोनों ही दल सत्ता में आने के बाद इस क्षेत्र को ही भूल जाते हैं।
बता दें कि इस स्कूल मे पूर्व भाजपा सरकार द्वारा नॉन मेडिकल संकाय की कक्षाएं तो शुरू करवाई थी परंतु इस स्कूल में मात्र केमेस्ट्री की प्रवक्ता की ही न्युक्ति हुई थी। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि वह पद भी अब खाली पड़ा हुआ है। स्टाफ पूरा ना होने के कारण स्कूल में बच्चे प्रवेश नहीं ले रहे हैं। स्कूल के आसपास के बच्चों को भी प्रवक्ताओं की कमी के कारण दस से बारह किलोमीटर दूरी तय करके दुसरे स्कूल जाना पड़ रहा है।
उधर स्कूल के पीटीए प्रधान देवेंद्र सिंह,रमेश दत्त शर्मा, दिनेश शर्मा,दीपक,राजेंद्र दत्त,शमशेर सिंह ने बताया कि बसाहां स्कूल के आसपास के क्षेत्र के काफी बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में लाना बांका पंचायत, डिंगर किन्नर व नेहर स्वार पंचायत के गांव के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा स्कूल में नॉन मेडिकल की कक्षाएं चलाने का निर्णय तो जरूर लिया है परन्तु स्टॉफ के बिना शिक्षा कैसे चलेगी। स्टाफ की कमी के कारण बच्चों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में ग्याहरवीं कक्षा की आर्ट सकाय में इस समय 17 छात्र-छात्राएं व 12वीं कक्षा में भी 18 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही है।
उन्होंने बताया कि स्कूल में तीन छात्र छात्राओं ने विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया था परंतु स्टाफ ना होने के कारण उन्होंने दूसरे स्कूलों में प्रवेश ले लिया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार तुरंत ही बसाहां स्कूल में नॉन मेडिकल व अन्य पदों को शीघ्र भरें ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके।
वहीँ स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य भूपेश भारद्वाज ने बताया कि स्कूल में नॉन मेडिकल व अन्य प्रवक्ताओं के पद खाली होने के कारण बच्चे प्रवेश नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर खाली पड़े प्रवक्ता व अध्यापकों की सूची उच्च शिक्षा अधिकारी व सरकार को भेजी जा रही है।
वहीँ डॉ परमार के पोते व वर्त्तमान सरकार में जिला सिरमौर के जिलाध्यक्ष आनंद परमार से जब इस विषय पर बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इस बारे में सरकार व प्रदेश के शिक्षा मंत्री के समक्ष इन पदों को शीघ्र भरने के लिए कहा गया है। उम्मीद है की सरकार द्वारा स्कुल में खाली पड़े यह पद शीघ्र भर दिए जायेंगे।