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कांग्रेस की अन्तर्कलह हिमाचल की राजनैतिक अस्थिरता का कारण : महेंद्र धर्मानी

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हिमाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के समय सुखु सरकार के एक महत्वपूर्ण मंत्री द्वारा त्यागपत्र की घोषणा,

मुख्यमंत्री की कार्य प्रणाली की आलोचना तथा अपने परिवार की कांग्रेस में हो रही उपेक्षा के आरोप ये सिद्ध करते हैं कि प्रदेश की सुखु सरकार अपने राजनीतिक अंतर्द्वंद के कारण संकट में है

समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला

हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता जो आज बनी है उसके लिये पूरी तरह से सुखु सरकार व कांग्रेस पार्टी को दोषी व जिम्मेवार मानती है। प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने कहा कि कांग्रेस की अन्तर्कलह, विधायकों की नाराजगी, मन्त्री द्वारा पीड़ा व दर्द बताना, मंडी के बल्ह के पूर्व विधायक,कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान अध्यक्ष द्वारा सरकार का विरोध, दर्शाता कांग्रेस की वर्तमान स्थिति से यहीं आभास होता है कि कांग्रेस में आपकी लड़ाई चरम पर है उनके कारण यह राजनीतिक स्थिति आज प्रदेश में बनी है।

प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के समय सुखु सरकार के एक महत्वपूर्ण मंत्री द्वारा त्यागपत्र की घोषणा, मुख्यमंत्री की कार्य प्रणाली की आलोचना तथा अपने परिवार की कांग्रेस में हो रही उपेक्षा के आरोप ये सिद्ध करते हैं कि प्रदेश की सुखु सरकार अपने राजनीतिक अंतर्द्वंद के कारण संकट में है। जिसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से सरकार व कांग्रेस पार्टी की है। सरकार के मंत्री व विधायकों द्वारा अपनी उपेक्षा और अनदेखी के आरोपों से सरकार व कांग्रेस संगठन की असलियत जनता के सामने आ गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने सुखु सरकार पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की खींचतान व विधायकों की उपेक्षा से आज प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा हुआ है और सुखु सरकार अपना विश्वास खो चुकी है और अल्पमत में आ गई है।

महेंद्र धर्मानी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाया कि मुख्यमंत्री के जिला के तीन विधायक और उपमुख्यमंत्री के जिला के दो विधायक सरकार की कार्य प्रणाली से नाराज होकर सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि विधायक बड़ी संख्या में सरकार से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों और आम जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। आज प्रदेश में पैदा हुए राजनीतिक संकट और सरकार के अल्पमत में आने के बाद प्रशासन पूरी तरह से पंगु हो गया है।

महेंद्र धर्मानी ने कहा कि झूठ की गारंटीयों के सहारे सत्ता में आई सुखु सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। सरकार में जनता ही नहीं मंत्री, विधायकों का विश्वास भी हो चुकी है। सुखु सरकार सत्ता में रहने का अपना नैतिक अधिकार पूर्ण रूप से खो चुकी है मंत्री व विधायकों की अपेक्षा नाराजगी और खड़े किए गए प्रश्न सरकार की कार्य प्रणाली की तस्वीर को उजागर करते है।

महेंद्र धर्मानी ने कहा कि 14 माह के अंदर सुखु सरकार से प्रदेश की जनता त्रस्त है और वह सरकार में रहने का अपना नैतिक अधिकार खो चुकी है सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है सुखु सरकार अपनी पार्टी की अंतर्कलह और खींचतान से जनता में विश्वास हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 34 मत प्राप्त करके विजय प्राप्त करना यह साबित करता है कि सुक्खू सरकार के खिलाफ कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों में विरोध है सुखु सरकार अपनी पार्टी के अंतर्द्वंद और विरोध से अल्पमत में आकर अपना सत्ता में रहने का अधिकार खो चुकी है।

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