
पच्छाद प्रेस क्लब अध्यक्ष रमेश शर्मा की अध्यक्षता में एसडीएम पच्छाद के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्रकारों की मांगों सबंधी सौंपा ज्ञापन
समाचार स्दृष्टि ब्यूरो/सराहाँ
एसडीएम डॉ प्रियंका चंद्रा को सौंपा ज्ञापन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट से संबद्ध पच्छाद प्रेस क्लब ने आज सराहां में एसडीएम पच्छाद के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्रकारों की मांगों सबंधी ज्ञापन सौंपा।
नेशनल युनियन आफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश युनियन आफ जर्नलिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष रणेश राणा के आव्हान पर आज पूरे प्रदेश में ज्ञापन दिए जा रहे है।
गौरतलब है कि यूनियन वर्ष 2019 से लेकर लगातार अपने स्तर पर प्रदेश के अलग अलग स्थानो पर राज्य स्तरीय प्रेस दिवसीय मनाती आ रही है । जिसमे प्रदेश के विधायको को भी मुख्य अतिथि के रुप मे आमंत्रित किया जाता रहा है , और विधायको के माध्यम से अपने समस्याओं व मांगो का एक मांग पत्र सरकार के समक्ष रखा जाता रहा है।
इस अवसर पर प्रेस क्लब पच्छाद के अध्यक्ष रमेश शर्मा, मुख्य संरक्षक संजय राजन, उपाध्यक्ष आरडी पराशर, महासचिव सुरेश कुमार, कोषाध्यक्ष भेखा नंद वर्धन, अशोक चौहान, व विकास वर्मा मौजूद रहे।
इसके अतिरिक्त युनियन ने समय समय पर राज्यपाल ,व सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सचिव से शिमला में मिलकर उनको अपनी समस्याओं व कठिनाइयों से अवगत करवाया है ।
मगर अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नही आ पाए है । इसलिए इस बार युनियन ने एक मत से राष्ट्रीय प्रेस दिवस नहीं मनाने का निर्णय लिया है।
हिमाचल प्रदेश में पत्रकारों की मांगे —–
1. प्रदेश के पडोसी राज्य पंजाब हरियाणा व उतराखंड की तर्ज पर पेंशन का प्रावधान किया।
2.पत्रकार कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
3. एक उचित वैव पालिसी/ डिजीटल मीडिया पालिसी का गठन किया जाए।
4. मान्यता प्राप्त गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों का स्वास्थ्य बीमा किया जाए। उपमंडल स्तर पर एक की बजाय दो तथा जिला स्तर पर तीन पत्रकारों को मान्यता
दी जाए
5. प्रेस एडवाईजरी कमेटी का बैठक छह माह में हो जिसमें पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियो को शामिल किया जाए।
6. प्रेस क्लबों के बिजली बिल को घरेलू दरों के तहत चार्ज किया जाए।
7. जिन उपमंडल पर प्रेस क्लब भवन नहीं है। उनका निर्माण तीन सालों में सुनिश्चित किया जाए ।
8. सभी पत्रकारों को ईएसआईसी के अंतर्गत सुविधाएं प्रदान की जाए।
9. सभी पत्रकारों को 20 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा का प्रयोजन किया जाए|




