
मुख्यमंत्री से मिलेंगे सभी अभिभावक और इस राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराहाँ को यथावत रखने की लगायेंगे गुहार
समाचार दृष्टिं ब्यूरो/ सराहाँ (सिरमौर )
प्रदेश सरकार द्वारा उपमंडल पच्छाद मुख्यालय सराहाँ स्तिथ राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को राजकीय बॉयज वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराहाँ में मर्ज करने का प्रस्ताव रखा गया है। जिसको लेकर पुरे पच्छाद क्षेत्र में प्रदेश सरकार के इस निर्णय के प्रति भारी रोष का माहौल बना हुआ है।
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ईसी विषय को लेकर आज एसएमसी अध्यक्ष शीतल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस बैठक में एसएमसी सदस्यों के अतिरिक्त 120 के लगभग अभिभावक उपस्थित रहे। अभिभावकों में महिलाओं की संख्या अधिक रही। बैठक में इस कन्या विद्यालय को बॉयज स्कूल मे मर्ज करने व इसके सहशिक्षा (कोएजुकेशन) करने के प्रस्ताव को लेकर सभी में गहरा रोष व्याप्त है।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगले सप्ताह सभी अभिभावक शिमला जाकर माननीय मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इस कन्या विद्यालय को यथावत रखने की गुहार लगायेंगे। सभी अभिभावकों ने यह भी निर्णय लिया कि यदि मुख्यमंत्री नही माने तो यहाँ एक आन्दोलन के रूप में विरोध प्रदर्शन होगा।
गौर हो कि सभी अभिभावक अपनी कन्याओं को कन्या स्कूल में ही पढ़ाने के इच्छुक हैं। वो चाहते है कि सरकार इस कन्या स्कूल को और अधिक सुविधाएं प्रदान कर कन्याओं के लिये यहाँ छात्रावास भी बनवाया जाये ताकि इलाके की 34 पंचायतों के अतिरिक्त तहसील नाहन, कसौली, राजगढ़ व पड़ोसी राज्य हरियाणा के साथ लगते इलाके की कन्याएं भी यहाँ आकर बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकें। अभिभावकों का मानना है कि कन्याओं के लिये यह विद्यालय सुरक्षित है और यहाँ की पढ़ाई भी अच्छी है। इस समय इस विद्यालय में 170 के करीब छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही है और प्रायमरी सेक्शन में अलग है।
अभिभावकों कहना है कि जब यह विद्यालय सभी दृष्टिकोण से सही काम कर रहा है तो बेवजह इस एक मात्र कन्या विद्यालय के साथ छेड़ छाड़ करना उचित नही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस कन्या स्कूल को बॉयज स्कूल में मर्ज न किया जाये।
बता दें कि यह कन्या विद्यालय पच्छाद का एकमात्र कन्या विद्यालय है जहाँ सभी अभिभावक जो अपनी बेटियों को कोएजुकेशन में विभिन्न कारणों से नही पढ़ाना चाहते वो अभिभावक अपनी कन्याओं को खुशी ख़ुशी यहाँ पढ़ने के लिये भेजते है।
बैठक में बाबू राम शास्त्री, विनोद शर्मा, रावतमोहन, डिंपल, प्रवेश, नरदेव, सूखचेन, देवस्वरूप, मीना,निशु,रचना,कल्पना, मीरा बिना,रीतु, उषा,रीना, कल्पना, सुमन, सीता, संगीता, राकेश, सुनील,राजेश,रोशन, शुभम,रमेश, अशोक, नितिन व मुकेश सहित 120 के लगभग लोग मौजूद रहे।
ये है कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराहाँ का इतिहास
आपको बता दें कि जिस प्रकार से शिमला के पोर्ट मोर कन्या विद्यालय की अपनी पहचान है वैसे ही वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय सराहां की भी अपनी एक अलग पहचान है। हालाँकि इस विद्यालय का इतिहास काफी पुराना है लेकिन यह विद्यालय 19वीं शताब्दी के आरंभ में गुरुकुल के रूप में अस्तित्व में आया था। 1952- 53 में यह विद्यालय विधिवत रूप से आरंभ हुआ। सन 1965 में इसे कन्या माध्यमिक पाठशाला बनाया गया,वर्ष 2002 में यह विद्यालय उच्च विद्यालय बना तथा वर्ष 2016 में यह विद्यालय अपग्रेड होकर वरिष्ठ माध्यमिक बना।
इंग्लिस मीडियम से भी इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही है छात्राएं
यहां अंग्रेजी माध्यम से भी 70 के करीब बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही है। अंग्रेजी स्कूलों की तर्ज पर यहाँ वर्दी भी लगाई गई है जिसे पहन कर छात्राएं गौरवान्वित महसूस करती है। इस विद्यालय में सभी आवश्यक विषयों के साथ-साथ दो वोकेशनल सब्जेक्ट इट्स तथा हेल्थ एंड केयर भी वर्तमान में चल रहे हैं जिन्हें पढ़ने के लिए दूर-दूर से छात्राएं इस विद्यालय में आती है इस विद्यालय की छात्राओं ने कई बार बोर्ड की मेरिट में अपना स्थान बनाया है तथा हर वर्ष विद्यालय का परिणाम शत प्रतिशत रहता है।
कई उपलब्धियां हासिल कर चुकी है इस कन्या विद्यालय की छात्राएं
वर्तमान में इस विद्यालय में करीब 170 छात्राएं अध्ययन कर रही है। इस विद्यालय की छात्राओं ने वन गतिविधियों में विभिन्न राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 2017 में इस विद्यालय की छात्राओं ने कला उत्सव में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में हिमाचल का नेतृत्व किया। वर्ष 2017 में ही विद्यालय ने स्वच्छता में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर ₹50,000/- की इनाम राशि प्राप्त की। वर्ष 2018 में इस विद्यालय ने राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्राप्त किया। वहीँ वर्ष 2024 में इस विद्यालय की छात्राओं ने नेशनल रोल प्ले में राज्य भर में प्रथम स्थान प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर ग्वालियर में हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व किया ।
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