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Himachal:कुफ़री में किया गया “विकसित भारत संकल्प अभियान-2025” कार्यक्रम का आयोजन

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“विकसित भारत संकल्प अभियान-2025” कार्यक्रम का आयोजन
“विकसित भारत संकल्प अभियान-2025” कार्यक्रम का आयोजन
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केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा किया गया “विकसित भारत संकल्प अभियान-2025” कार्यक्रम का आयोजन

समाचार दृष्टि ब्यूरो/शिमला

“विकसित भारत संकल्प अभियान-2025” कार्यक्रम जो कि 29 मई से 12 जून, 2025 तक चलाया गया इस कार्यक्रम का समापन एक किसान गोष्ठी और किसान मेले के रूप में 250 से अधिक किसान भाई बहनों की उपस्थिति में केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला के कुफ़री मुख्य अतिथि श्रीपाल रासू सचिव कृषि मंत्रालय हिमाचल प्रदेश व डॉ. ब्रजेश सिंह निदेशक केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला की अध्यक्षता में तथा डॉ आलोक कुमार जो इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी, डॉ अश्वनी कुमार, वैज्ञानिक कुफ़री-फागु फार्म इत्यादि की उपस्थिति में किया गया।
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अपने उद्बोधन भाषण में श्रीपाल रासू ने इस कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी किसान भाइयों व वैज्ञानिकों को बधाई दी। नोडल अधिकारी डॉ आलोक कुमार ने इस कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूरे देश में किसानों को कृषि से संबंधित विभिन्न नवीन तकनीकों को किसानों के खेतों में ले जाकर उनका कृषि कार्यों मे अधिकतम उपयोग करवाया जा रहा है। वहीँ किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान देकर देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखने की संकल्पना जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा ली गई है।

इसके तहत देश के सभी राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश में स्थित केंद्र एवं राज्य के कृषि विभागों ने इस कार्यक्रम के तहत जिसमें केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान एवं शिमला स्थित आईसीएआर के अन्य तीन संस्थानों के स्थानीय केंद्रों में जिनमें भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान तथा राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के वैज्ञानिकों ने नौ टीमें बना कर 197 पंचायत जिसमें 638 ग्रामों में जा कर 20867 किसान भाइयों एवं बहनों से साक्षात्कार कर उनकी समस्याओं को सुना और तत्काल उसका निवारण किया। इस पूरे अभियान के दौरान प्रदेश के 2 लाख से अधिक किसानों ने इसका लाभ उठाया।

ग्रामीणों द्वारा बताई गई मुख्य समस्याओं जैसे, उचित सिंचाई सुविधाओं का अभाव, जंगली जानवरों का फसलों को नुकसान पहुंचाना, रोपण सामग्री का अभाव, युवाओं के पलायन से श्रमिकों की कमी, कीटों (चींटियाँ, एफ़िडस,माइट्स) की उपस्थिति से फसल की पैदावार का कम होना, प्रशिक्षण का अभाव, ओलावृष्टि ओर खराब मौसम से फसल की पैदावार का कम होना आदि के बारे में वैज्ञानिकों ने बताया जिसके फल स्वरूप वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों की टीम ने उनसे निरंतर संपर्क रखते हुवे समस्याओं का निवारण किया इससे पूर्व किसान गोष्ठी में डॉ. सुनील ठाकुर राजीव खट्टर ने किसानों को कृषि व बागवानी क्षेत्र में सरकार द्वारा चली जा रही नवीनतम योजनाओं के बारे में बताया।

प्रदेश के कृषि विभाग, बागवानी विभाग इत्यादि ने किसानों की समस्याओं को सुना तथा उनके प्रश्नों का उत्तर दिया। कार्यक्रम बेहद सफल रहा और किसानों ने इसका लाभ उठाया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. विकास मंगल और डॉ. जगदेव शर्मा ने सफलतापूर्वक किया। इस मेले व गोष्ठी की सफलता में राजदीप, राकेश कंवर, धर्मेन्द्र गुप्ता एवं डॉ. पिनबीयनलंग का विशेष सहयोग रहा।

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