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Himachal:प्रदेश सरकार की योजनाओं से किसान हो रहे समृद्ध-हर्षवर्धन चौहान

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शिलाई में आयोजित किसान मेले में किसानों के साथ उद्योग, संसदीय मामले एवं श्रम रोज़गार मंत्री हर्षवर्धन चौहान
शिलाई में आयोजित किसान मेले में किसानों के साथ उद्योग, संसदीय मामले एवं श्रम रोज़गार मंत्री हर्षवर्धन चौहान
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शिलाई में उद्योग, संसदीय मामले एवं श्रम रोज़गार मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में आयोजित हुआ किसान मेला

समाचार दृष्टि ब्यूरो / नाहन

उद्योग, संसदीय मामले एवं श्रम रोज़गार मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में आज शिलाई में किसान मेले का आयोजन किया गया।
इस अवसर जनसभा को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि किसान मेलों का आयोजन सरकार तथा किसानों के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है ताकि किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी मिल सके साथ ही उन्हें प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करना भी है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या कृषि तथा बाग़वानी पर निर्भर करती है जिसके मद्देनज़र प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को लाभान्वित करने के उददेश्य से बहुत सी जन-हितैषी तथा कल्याणकारी योजनाएं प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है ताकि किसानों की आर्थिकी को सशक्त बनाया जा सके। इन योजनाओं का लाभ उठाकर प्रदेश के किसान भी अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के प्राकृतिक उत्पादों को अच्छे दाम दिलाने के लिए भी प्रयासरत है जिसके तहत प्राकृतिक कृषि उत्पाद के दामों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला देश का पहला राज्य बना है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं के 60 रुपये, मक्की के 40 रुपये तथा हल्दी के 90 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य किसानों दिया जा रहा है। इसी प्रकार गाय का दूध 51 रुपये तथा भैंस का दूध 61 रुपये निर्धारित किया गया है जिससे पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ हो रही है।

इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए बाज़ार पर कोई निर्भरता नहीं होगी किसान को खेती के लिए सभी आवश्यक उर्वरक तथा जैविक पदार्थ किसानों द्वारा घर पर ही तैयार किए जा सकते है जो पर्यावरण, मिटटी और जल प्रदुषण पर भी नियंत्रण रखते हैं यह प्राकृतिक वनस्पति और जीवों को भी सरंक्षित करते है। रासायनिक खाद की अपेक्षा प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग खेती कि लागत को कम करता है इससे स्थानीय बीजों के उपयोग को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती किसानों की फसलों का सूखे तथा बारिश के दौरान बेहतर तरीके से सामना कर सकती है।

इस अवसर पर अध्यक्ष मार्केटिंग कमेटी सीता राम शर्मा, अतिरिक्त निदेशक कृषि विभाग डॉ. रविन्द्र जसरोटा, उपनिदेशक कृषि राजकुमार, परियोजना निदेशक आत्मा साहब सिंह, उप परियोजना निदेशक आत्मा थान सिंह, वैज्ञानिक केवीके धौलाकुआं पंकज मित्तल, पंचायत समिति अध्यक्ष अनीता देवी, पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष मस्त राम पराशर, जिला परिषद सदस्य रंजीत नेगी,
ओएसडी अतर राणा, पंचायत समिति सदस्य रमेश नेगी, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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