ट्रेन में बदमाशों से भिडा था जांबाज सैनिक, 6अप्रैल 2023 को बेटी के पिता बने थे सचिन शर्मा,
समाचारदृष्टि ब्यूरो/सराहां
हिमाचल प्रदेश के पच्छाद उपमण्डल का निवासी जांबाज सैनिक सचिन शर्मा आखिर जिंदगी की जंग हार ही गया। 4 माह पूर्व पंजाब में बदमाशों ने उसे चलती ट्रेन से फेंक दिया था। बीती शाम युवा सैनिक ने कमांड हॉस्पिटल चंडी मंदिर में अंतिम सांस ली। सिरमौर जिला के पच्छाद उपमंडल के 25 वर्षीय सचिन शर्मा के साथ पंजाब में चलती ट्रेन में हादसा हो गया था। बात फरवरी माह की है जब सचिन एक बड़ा हादसा पेश आया।
पच्छाद की सिरमौरी मंदिर पंचायत के नावल गांव निवासी सैनिक सचिन छुट्टियां बिताने के बाद ट्रेन से ड्यूटी पर लौट रहा था कि बदमाशों से उसकी भिड़ंत हो गई थी। ट्रेन में मौजूद बदमाश महिला से छेड़छाड व लूटपाट को अंजाम दे रहे थे। इस सब को वह बर्दाश्त नहीं कर पाया ओर उनसे भीड़ गया। इसी बीच बदमाशों ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। तब से यह जांबाज जिंदगी की जंग लड़ रहा था।
जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले यानी 20 मई तक सचिन का स्वास्थ्य सही चल रहा था। घटना के बाद अब उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार भी हो रहा था। बताया जा रहा है कि 21 मई की सुबह भी सचिन ने बातचीत की। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया। यही नहीं, 06 अप्रैल, 2023 को सचिन के घर बेटी के रूप में नया मेहमान भी आया है।
बेटे की मौत से परिजन शोकाकुल ही नहीं बल्कि गमगीन भी हैं। जिन्होंने जिगर के टुकड़े को देश सेवा के लिए भेजा था आज उसकी मौत से उनके ऊपर तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा है। सचिन अपने पीछे डेढ़ माह की बेटी व पत्नी नेहा के अलावा पिता देवस्वरूप शर्मा, माता कमलेश देवी व बहन साक्षी शर्मा को छोड़ गया है। सैनिक बेटे की मृत्यु की घटना से समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
चचेरे भाई जय प्रकाश बातचीत में कहा कि सचिन परिवार का होनहार बेटा था। उन्होंने कहा कि डेढ़ माह पहले ही पिता बना था। उनका कहना था कि 20 फरवरी 2023 को ट्रेन हादसा हुआ था।
72 टैंक रेजीमेंट (72 Tank Regiment) से 4 राष्ट्रीय राइफल्स (4 Rashtriya Rifles) में प्रतिनियुक्ति पर सेवारत फौजी 20 फरवरी को करीब एक माह की छुट्टी के बाद वापस डयूटी पर लौट रहा था। इसके लिए सचिन ने अंबाला से जम्मू की ट्रेन ली थी। टांडा रेलवे स्टेशन से आगे सचिन की आंख खुली तो पाया 2-3 व्यक्ति सवारियों के बैग को तलाश रहे थे। साथ ही महिलाओं से छेड़छाड कर रहे थे। इस पर सचिन ने आपत्ति की तो झड़प हो गई। एक ने सचिन पर पीछे से सिर पर वार कर दिया।
लुटेरों ने सचिन का पर्स निकाला। इसके बाद उसे अचेत अवस्था में चलती ट्रेन से ही नीचे फैंक दिया गया। रात भर पटरी के नजदीक पड़ा रहा। होश आने पर बमुश्किल समीप एक गौशाला में पहुंचा। मौजूद लोगों ने उसे टांडा अस्पताल पहुंचाया। सचिन ने पूरी घटना यूनिट को भी बताई। लुटेरे बैग व पैसों के अलावा सचिन की सरकारी वर्दी भी ले गए थे।