



महिलाओं द्वारा चीड़ की पत्तियों से तैयार कोयला बिक रहा हाथों हाथ, अन्य उत्पाद भी बने आकर्षक और खिफायती
समाचार दृष्टि ब्यूरो /सराहां
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर विकास खंड पच्छाद के विभिन्न स्वयं सहायता समूह की 75 महिलाओं को जिला ग्रामीण विकास अभिकरण नाहन द्वारा 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चीड़ की पत्तियों से कोयला, रस्सी, दरी, बैग व हाथो से बनी टोकरियाँ तथा अन्य विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन के रूप मे वन विभाग की और से वन परिक्षेत्र अधिकारी सराहां सतपाल शर्मा, उप वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने भाग लिया। वरिष्ठ वन रक्षक नीलम शर्मा इस पुरे प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप मे हाजिर रही। नीलम शर्मा ने प्रतिदिन चेप कटर व बेलिंग मशीन के माध्यम से उपस्थित महिलाओ को पाइन नीडल ब्रिकेट्स ( कोयला ), रस्सी एवं दूसरे उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षण दिया।
विकास खंड पच्छाद कि खंड समन्वयक मेगा गोयल ने बताया कि इस प्रशिक्षण से महिलाओं को आजीविका का साधन मिला है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्तिथ महिलाओं को जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम प्रबन्धक वीरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पच्छाद विकास खंड कि 75 महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 25 – 25 महिलाओ के तीन ग्रुप बनाए गये। जिसमे एक ग्रुप ने रस्सी ,दूसरे ग्रुप ने रेशा व तीसरे ग्रुप ने कोयला बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस अवसर पर रेंज ऑफिसर सराहां सतपाल शर्मा ने कहा कि चिड की पत्तियों से बनने वाले पाइन नीडल ब्रिकेट्स ( कोयला ), रस्सी एवं दूसरे उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इससे न केवल महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा बल्कि वनों व सडकों के किनारे गिरने वाली चीड़ की पत्तियों को आग लगने से भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने उपस्तिथ महिलाओं को वनों को आग से बचाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी।